सिवनी

अभी से गहराने लगा पेयजल संकट

  • पीएचई विभाग में वित्तीय समस्याएं
    सिवनी 05 मार्च 2021 (लोकवाणी)। गर्मी की शुरूआत हो चुकी है और अभी से ही ग्रामीण अंचलों में पेयजल संकट की स्थिति निर्मित होने लगी है, वहीं अब पानी की समस्या को लेकर लोग शिकायतों को लेकर शासकीय दफ्तरों के चक्कर लगाने लगे है। देखा जाये तो सिवनी जिले में पानी का जल स्तर काफी नीचे जा चुका है, जहां शासकीय हैंडपंप भी जबाव दे रहे है, वहीं दूसरी ओर समस्या निराकरण के लिये लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग आर्थिक संकट के चलते ठीक तरह से प्रयास नहीं कर पा रहा है।
    सूत्रों की माने तो ग्रीष्मकालीन समय में पानी की समस्या के निराकरण के लिये शासन स्तर से बंद नलजल योजनाओं में मिलने वाला आवंटन पिछले 2 वर्षों से प्राप्त नहीं हुआ है। इस आवंटन से पीएचई विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की समस्या का निराकरण करता चला आया है, लेकिन अब स्थितियां बिल्कुल विपरीत है। ऐसा माना जा रहा है कि सरकार पेयजल व्यवस्था हेतु जल निगम व जल मिशन के भरोसे में है, और इन दोनों परियोजनाओं के कार्य प्रगति पर है। पूर्ण होने तक स्थितियां कैसी निर्मित होगी, यह बात अभी से सार्वजनिक हो रही है।
    जिले में लखनादौन, धनौरा, घंसौर क्षेत्रों से पानी की समस्या को लेकर शिकायतें लगातार सामने आ रही है। ग्राम पंचायत अपने स्तर पर समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास करती है, लेकिन जब ग्राम पंचायत स्तर से समस्या निराकृत नहीं हो पाती तो ग्रामीण पीएचई विभाग का दरवाजा खट-खटाने के लिये मजबूर हो जाते है, इन परिस्थितियों में पीएचई विभाग के सामने भी वित्तीय अभाव के चलते एक समस्या बनी हुई है। ग्रामीणजन जब पानी की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों के पास पहुंचते है, उस समय भी जनप्रतिनिधि सीधे पीएचई विभाग के अधिकारियों से चर्चा करते है, लेकिन समस्या अर्थ संकट होने के कारण अटक जाती है।
    जानकारी के अनुसार बंद नलजल योजनाओं में गत वर्षों में जिन ठेकेदारों ने कार्य किये है लगभग 6 करोड़ के भुगतान आवंटन प्राप्त ना होने के कारण अटके पड़े है। जानकारी के अनुसार बंद नलजल योजनाओं में आवंटन प्रदाय करने हेतु विधायक दिनेश राय व राकेश पाल ने मुख्यमंत्री सहित पीएचई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को पत्र भी लिखा है। विभागीय सूत्रों की माने तो इस बार पेयजल संकट की स्थिति गंभीर हो सकती है।

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